यह टाइगर रिज़र्व पतझरी जंगलो, पठारों, और घास की हरी भरी घाटियों से भरा हुआ है जहा की प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी। इस टाइगर रिज़र्व से होकर केन नदी बहती है जो की इस जंगल के सभी जीव जन्तुओ के लिए की जीवन दायिनी स्रोत है। यह आपको बाघों के अलावा तेंदुआ , नीलगाय , चिंकारा , चीतल, जंगली कुत्ते भेड़िए लकड़बग्गा भालू मिल जायेंगे। इसे साथ साथ केन नदी घाटियों में घड़ियाल मगर एवं अन्य सरीसृप भी मिलते है। यह 200 प्रजातीओ के विभिन्न प्रकार पंछिया पायी जाती है जिसमे मुख्यत सरस , बतख , गिद्ध , तोता , फ्लाई कैचर इत्यादि शामिल है। यह पशुपन्छीयो के साथ साथ आपको यह के चट्टानों में उकेरे हुए हज़ारो साल पुराने चित्र भी मिलेंगे।
पर्यटकों के लिए ये एक आकर्सक घूमने की जगह है। यहाँ पहुंचने के लिए एयरपोर्ट और रेलवे दोनों से ही कनेक्टिवीय है। नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो में है जो की यह से 25 दूर है। और यही रेलवे स्टेशन की बात की जय तो यह पहुंचने के लिए समीपवर्ती रेलवे स्टेशनो में खजुराहो , सतना , कटनी और झांसी है। इस पार्क में मुख्य रूप से दो द्वार है मडला गेट और हिनौता गेट।
यदि आपको कभी समय मिले तो पन्ना टाइगर रिज़र्व एक बार जरूर जाये और यहाँ के बाघों का दर्शन जरूर करे जो यह पर्यटन का मुख्य केंद्र बिंदु है। यहाँ 2018 के गणना के मुताबिक लगभग 526 बाघ है। अब तोह UNESCO द्वारा भी इस टाइगर रिज़र्व को बायोस्फियर रिज़र्व की सूचि में स्थान मिल गया है।
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