दी डव्लू में निर्मित एक डॉक्यूमेंट्री (जिसका लिंक नीचे दिया गया है ) में पर्यावरण को लेकर एक पर्यावण प्रेमी विजय धस्माना के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाया गया है। दिल्ली गुडगाँव का छेत्र को दुनिआ में सबसे प्रदुसित इलाको में गिना जाता है. वहा अब इनके सार्थक प्रयास से इस कंक्रीट के जंगलो के बीच एक 380 एकर में जंगल तैयार किया गया है। विजय जी का कहना है की इस पूरी बायोडायवर्सिटी पार्क एक बंजर जमीन पर बननी सुरु हुई और आज इसे पूरी तरह फलने फूलने में 10 साल लग गए। आज यह जंगल जैव विविधता का उदहारण पेश कर रहा है। अब यहाँ विभिन्न प्रकार के पंखियो और सरीसृपों का प्रजनन होता है। कुछ इसी प्रकार का प्रयास राजीव सूरी के द्वारा दिल्ली के ही डिफेंस कॉलोनी को हरा भरा करने में है जो की एक समय कुरे कचरे का ढेर बन गया था। मगर राजीव जी के अथक प्रयास से आज वहा एक छोटा सा ग्रीन पार्क बन गया है। इस डाक्यूमेंट्री को जरूर देखे।
Video link In a documentary by UNEP (link given above) reveals the relation between how deforestation is related to disease which is related to zoonotic animals such as bats, rats etc. With drastic increasing the supply and demand chain, industries are putting themselves too far in grabbing more and more lands to built industries. This results in an adverse impact on the forest lands, which is vanishing day by day. With increasing deforestations the zoonotic animals are coming closer to the human environments, which is effecting the heath of humans and domestic animas such as cats and dogs. The growing zoonotic disease such as Ebola, Covid 19 are becoming common. Such encounter of parasites with humans is expected to increase in future if the process of sustainable development is not employed by industrial units. As a consumer, it is also duty of every person to maximum rely on local markets for fulfilling their daily needs. It will decrease the gap of supply and demand which will br
Comments
Post a Comment